Miscarriages – Reasons, Prevention and Treatment – मिसकैरेज के कारण, बचाव और उपचार
06:44:00मिसकैरेज (What is Miscarriages?)
मिसकैरेज गर्भावस्था की उस अवस्था को कहते हैं जो कि गर्भधारण (gestation) के 20 हफ़्तों के अंदर अपने आप समाप्त हो जाती है। शोध के अनुसार 10 से 25 % जाँची और पुष्टि की हुई गर्भावस्था की स्थितियां मिसकैरेज में परिणत होती हैं। ज़्यादा मिसकैरेज गर्भधारण के 13 हफ़्तों के अंदर होते हैं। यह एक काफी खतरनाक स्थिति है, अतः इसके बारे में अच्छे से जानना काफी आवश्यक है।
मिसकैरेज के अंतर्गत भ्रूण (fetus) का जीवन उसके ठीक से विकसित होने से पहले ही अचानक समाप्त हो जाता है। यह एक माँ तथा उसके पूरे परिवार के लिए एक काफी गहरा आघात होता है। गर्भावस्था के 24 हफ़्तों तक कभी अगर भ्रूण का जीवन समाप्त हो, तो उसे मिसकैरेज कहते हैं। आमतौर पर पहली तिमाही में इसकी संभावना काफी ज़्यादा होती है। इसके बाद अगर यह स्थिति उत्पन्न हो तो इसे लेट मिसकैरेज (late miscarriage) कहा जाता है।
मिसकैरेज होने के कारण (Why do Miscarriages occur?)
मिसकैरेज के कई कारण होते हैं और ज़्यादातर ये पता नहीं चल पाते हैं। पहली तिमाही में आमतौर पर इसका कारण क्रोमोज़ोम की असामान्यता (chromosomal abnormality) होता है, जिसका मतलब है कि बच्चे के क्रोमोसोम (chromosome) के साथ कुछ समस्या है। इसका मुख्य कारण क्षतिग्रस्त अंडा या स्पर्म सेल (sperm cell) हो सकता है, या फिर ज़ाइगोट (zygote) के बंटवारे की प्रक्रिया के वक़्त ये समस्या उत्पन्न हो सकती है। मिसकैरेज के अन्य कारण हैं : –
- हॉर्मोन की समस्या (Hormonal problems), इन्फेक्शन या माँ के स्वास्थ्य की कोई समस्या।
- जीवनशैली ( अर्थात धूम्रपान, ड्रग्स (drugs) का प्रयोग, पोषण का अभाव, अतिरिक्त कैफीन (caffeine) लेना तथा रेडिएशन (radiation) या ज़हरीली चीज़ों के संपर्क में आना )
- अंडे की गर्भाशय में जाकर जमने की प्रक्रिया का सही प्रकार से ना होना।
- माँ बनने की उम्र।
- माँ बनने से जुड़ी बेचैनी।
मिसकैरेज के लक्षण (What are the Warning signs of Miscarriage?)
अगर आप नीचे दिए गए किसी भी या सारे लक्षणों का शिकार हुई हैं, तो तुरंत ही अपने डॉक्टर से ये जांच करने के लिए कहें कि कहीं आपका भी मिसकैरेज तो नहीं हुआ है : –
- हलके से लेकर गंभीर पीठ का दर्द (मासिक धर्म (menstruation) के क्रैंप्स (cramps) से भी ज़्यादा गंभीर दर्द
- वज़न का घटना।
- सफ़ेद या गुलाबी रंग का म्यूकस (mucus)।
- मरोड़ें (True contractions)-हर 5 से 20 मिनट में होने वाला तेज़ दर्द )
- क्रैंप्स के साथ या इसके बिना भूरे या चमकीले लाल रंग का खून निकलना (20 से 30 % गर्भावस्था की स्थितियों में शुरुआती चरण में रक्त निकलता है, और इनमें से 50 % स्थितियों में सामान्य डिलीवरी (delivery) होती है )
- खून के थक्के (clot) जैसी वस्तु से युक्त टिश्यू (tissue) का गुप्तांग से गुज़रना।
- गर्भावस्था के लक्षणों में अचानक कमी आना।
मिसकैरेज का बचाव (Prevention of Miscarriage)
ज़्यादातर मिसकैरेज का मुख्य कारण क्रोमोज़ोम की असामान्यता (chromosomal abnormality) होते हैं, अतः इनके बचाव के लिए ज़्यादा कुछ नहीं किया जा सकता। आपको गर्भधारण के पहले जितना हो सके उतना स्वस्थ रहने की आवश्यकता होती है, जिससे कि शरीर के अंदर इसे लेकर एक अच्छा और सकारात्मक माहौल तैयार हो सके।
- रोज़ाना व्यायाम करें।
- स्वस्थ खानपान बनाए रखें।
- तनाव को नियंत्रण में रखें।
- अपने वज़न को भी स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से नियंत्रित रखें।
- रोज़ाना फोलिक एसिड (folic acid) की मात्रा ग्रहण करें।
- धूम्रपान करना बंद कर दें।
एक बार जब आपको पता चले कि आप गर्भवती हैं, तो आपका लक्ष्य यही होना चाहिए कि शरीर को ज़्यादा से ज़्यादा स्वस्थ बनाए रखें, जिससे बच्चे को विकास के लिए अच्छा और स्वस्थ माहौल मिल सके।
- अपने पेट के भाग (abdomen) को सुरक्षित रखें।
- धूम्रपान ना करें तथा ऐसे लोगों के आसपास भी ना रहें।
- शराब को हाथ भी न लगाएं।
- दवाई की दुकान से कोई दवाई खरीदने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह कर लें।
- कैफीन (caffeine) का प्रयोग कम या बिलकुल बंद कर दें।
- पर्यावरण के हानिकारक (environmental hazards) जैसे रेडिएशन (radiation), फैलने वाली बीमारी और एक्सरे (x-ray) आदि।
- ऐसे खेलों या गतिविधियों से दूर रहे, जिसमें चोट लगने की काफी संभावना हो।
मिसकैरेज का इलाज (Treatment of Miscarriage)
मिसकैरेज के इलाज का मुख्य उद्देश्य हैमेरेजिंग (hemorrhaging) या इन्फेक्शन को रोकना है। आपके गर्भावस्था की स्थिति जितनी जल्दी होगी, इस बात की संभावना उतनी ही अधिक बढ़ जाएगी कि आपका शरीर खुद ही भ्रूण के सारे टिश्यूस (fetal tissue) को बाहर निकाल लेगा और आपको इसके लिए किसी भी प्रकार की डॉक्टरी सहायता की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अगर शरीर खुद से सारे टिश्यूस को नहीं निकालता है तो आप खून और इन्फेक्शन को रोकने के लिए डाइलेशन (dilation) तथा क्यूरेटेज (curettage) का सहारा ले सकते हैं, जिसे D&C भी कहा जाता है।
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