Face glow Hindi tips in winter – ठण्ड में त्वचा के निखार के उपाय
23:56:00ठण्ड में आपकी त्वचा जल्दी नमी खो देती है। सूखी त्वचा रक्त संचार का प्रवाह रोक देती है जिसकी वजह से आपकी त्वचा सूखी,बेजान,फटी हुई सी हो जाती है आपकी एड़ियों में भी दरारें पड़ जाती हैं।
त्वचा को नमी प्रदान करें
दिन में कई बार त्वचा पर अच्छे से मॉइस्चराइज़र का प्रयोग करें और अपनी त्वचा में पर्याप्त नमी बनाएं रखें।
१. ऐसे मॉइस्चराइज़र का प्रयोग करें जिसमें तेल का अनुपात पानी के मुकाबले ज़्यादा हो। अगर मॉइस्चराइज़र में तेल की मात्रा ज़्यादा होगी तो यह ज़्यादा लम्बे समय तक आपकी त्वचा में नमी बनाए रख पाएगा।
२. हुमेक्टैंट युक्त मॉइस्चराइज़र ही खरीदने का प्रयास करें। ये वो पदार्थ है जो आपकी त्वचा में रक्त संचार का प्रवाह नियंत्रित करते है तथा त्वचा को स्वस्थ तथा चमकदार बनाए रखते हैं। बॉडी लोशन में प्रयुक्त कुछ हुमेक्टैंट हैं ग्लिसरीन,सोर्बिटोल,ह्यलुरोनिक एसिड तथा शहद।
३. मॉइस्चराइज़र का सबसे अच्छा असर तब होता है जब ये गर्म और हलकी गीली त्वचा पर लगाया जाता है। हमेशा सिंक एवं बाथटब के पास मॉइस्चराइसिंग लोशन की एक बोतल रखें एवं एक सूखे तौलिये से पोछकर अपने सारे शरीर पर ये लोशन लगाएं।
तेल
हमेशा ऐसे तेल का प्रयोग करें जो कि त्वचा से चिपका ना रहे। ध्यान रखें कि ये तेल त्वचा के रोमछिद्रों को बंद ना करे तथा तेल के गुण अच्छे से त्वचा में समा जाएं।
१. जैतून का तेल,नाशपाती का तेल तथा प्रिमरोस का तेल त्वचा के लिए काफी अच्छे तेल होते हैं।
२. प्राकृतिक तेल जैसे रोजमेरी का तेल,जोजोबा का तेल आदि रक्त संचार को सुचारू रूप से चलाते हैं। इन तेलों के प्रयोग से कड़कड़ाती सर्दी में भी आपकी त्वचा को गरमाहट का अनुभव होगा।
३. त्वचा पर मॉइस्चराइसिंग आयल जैसे लैवेंडर का तेल तथा टी ट्री आयल का प्रयोग करें। ये त्वचा को नमी प्रदान करते हैं और ज्वलनशील त्वचा को सुकून देते हैं।
क्लीन्ज़र्स
१. ग्लाइकोलिक एसिड एवं सेलिसिलिक एसिड जैसे हुमेक्टैन्ट्स से युक्त क्लीन्ज़र का चुनाव करें। ये त्वचा के रोमछिद्र सम्बन्धी अशुद्धियाँ दूर करते हैं और त्वचा को भी मुलायम रखते हैं।
२. क्लीन्ज़र लगाकर त्वचा को तुरंत ढक लें। इससे त्वचा के अंदर नमी बनी रहेगी।
गर्म पानी से और लम्बे समय तक ना नहाएं
१. ठण्ड के मौसम में लम्बे समय तक गर्म पानी से नहाना सुखद अवश्य लग सकता है,परन्तु गर्म पानी आपकी त्वचा पर मौजूद लिपिड की सुरक्षा परत को नष्ट कर देता है। अतः नहाने में ज़्यादा समय ना लगाएं तथा गुनगुने पानी से नहाएं।
२. आप घर पर ही चिकित्सानुसार नहा सकते हैं। १ बाल्टी गुनगुने पानी में १ कप दूध तथा जैतून या बादाम के तेल की कुछ बूँदें डालें। आप इसमें दलिया तथा अंगूर के बीज के अंश भी डाल सकते हैं। इस पानी से अपने शरीर को ३० मिनट तक भिगोकर रखें।
३. सौम्य ग्लिसरीन साबुन का इस्तेमाल करें।
४. नहाने के बाद सारे शरीर को सूखे तौलिये से पोंछ लें।
दूध के गुण
दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड त्वचा की काफी अच्छे से सफाई करता है तथा ये एक सौम्य मॉइस्चराइज़र भी है। नरम मुलायम तथा जवान त्वचा पाने के लिए लैक्टिक एसिड युक्त बॉडी लोशन इस्तेमाल करने का प्रयास करें।
रूखे हाथों का उपचार्
१. गुनगुने पानी से हाथ धोएं।
२. सौम्य हैंड वाश का प्रयोग करें।
३. हाथ धोने के बाद अपने हाथों पर मॉइस्चराइज़र अवश्य लगाएं।
४. अपने हाथों को पतले सूती के दस्तानों से ढककर रखें। ऊन के दस्ताने ना पहनें।
फटी एड़ियों का उपचार
१. पैरों की मृत त्वचा को निकालने के लिए अपनी एड़ियों को स्क्रब द्वारा साफ़ करें।
२. पैरों को नमी प्रदान करने के लिए लैक्टिक एसिड युक्त गाढ़ा मॉइस्चराइज़र दिन में कम से कम २ बार लगाएं।
३. झामक के पत्थर द्वारा हफ्ते में कम से कम ३ बार अपनी एड़ियां घिसें।
४. पैरों की नमी बरकरार रखने के लिए मोज़े पहनें।
फटे होंठों के लिए
हमेशा लिप बाम साथ में रखें। पेट्रोलियम जेल की जगह लानौलिन युक्त बाम लगाएं। इससे आपके होंठ मुलायम और लम्बे समय तक नमीयुक्त रहेंगे।
रूखी त्वचा
त्वचा के लिए एक सौम्य क्रीम का प्रयोग करें। अल्कोहल युक्त टोनर,स्क्रब तथा पील मास्क्स से दूर रहें। आप नाशपाती,शहद,दूध तथा लैवेंडर का प्रयोग करके ठण्ड का घरेलू फेस मास्क भी बना सकती हैं। त्वचा को ठन्डे पानी से धोएं।
त्वचा को नमी प्रदान करें
दिन में कई बार त्वचा पर अच्छे से मॉइस्चराइज़र का प्रयोग करें और अपनी त्वचा में पर्याप्त नमी बनाएं रखें।
१. ऐसे मॉइस्चराइज़र का प्रयोग करें जिसमें तेल का अनुपात पानी के मुकाबले ज़्यादा हो। अगर मॉइस्चराइज़र में तेल की मात्रा ज़्यादा होगी तो यह ज़्यादा लम्बे समय तक आपकी त्वचा में नमी बनाए रख पाएगा।
२. हुमेक्टैंट युक्त मॉइस्चराइज़र ही खरीदने का प्रयास करें। ये वो पदार्थ है जो आपकी त्वचा में रक्त संचार का प्रवाह नियंत्रित करते है तथा त्वचा को स्वस्थ तथा चमकदार बनाए रखते हैं। बॉडी लोशन में प्रयुक्त कुछ हुमेक्टैंट हैं ग्लिसरीन,सोर्बिटोल,ह्यलुरोनिक एसिड तथा शहद।
३. मॉइस्चराइज़र का सबसे अच्छा असर तब होता है जब ये गर्म और हलकी गीली त्वचा पर लगाया जाता है। हमेशा सिंक एवं बाथटब के पास मॉइस्चराइसिंग लोशन की एक बोतल रखें एवं एक सूखे तौलिये से पोछकर अपने सारे शरीर पर ये लोशन लगाएं।
तेल
हमेशा ऐसे तेल का प्रयोग करें जो कि त्वचा से चिपका ना रहे। ध्यान रखें कि ये तेल त्वचा के रोमछिद्रों को बंद ना करे तथा तेल के गुण अच्छे से त्वचा में समा जाएं।
१. जैतून का तेल,नाशपाती का तेल तथा प्रिमरोस का तेल त्वचा के लिए काफी अच्छे तेल होते हैं।
२. प्राकृतिक तेल जैसे रोजमेरी का तेल,जोजोबा का तेल आदि रक्त संचार को सुचारू रूप से चलाते हैं। इन तेलों के प्रयोग से कड़कड़ाती सर्दी में भी आपकी त्वचा को गरमाहट का अनुभव होगा।
३. त्वचा पर मॉइस्चराइसिंग आयल जैसे लैवेंडर का तेल तथा टी ट्री आयल का प्रयोग करें। ये त्वचा को नमी प्रदान करते हैं और ज्वलनशील त्वचा को सुकून देते हैं।
क्लीन्ज़र्स
१. ग्लाइकोलिक एसिड एवं सेलिसिलिक एसिड जैसे हुमेक्टैन्ट्स से युक्त क्लीन्ज़र का चुनाव करें। ये त्वचा के रोमछिद्र सम्बन्धी अशुद्धियाँ दूर करते हैं और त्वचा को भी मुलायम रखते हैं।
२. क्लीन्ज़र लगाकर त्वचा को तुरंत ढक लें। इससे त्वचा के अंदर नमी बनी रहेगी।
गर्म पानी से और लम्बे समय तक ना नहाएं
१. ठण्ड के मौसम में लम्बे समय तक गर्म पानी से नहाना सुखद अवश्य लग सकता है,परन्तु गर्म पानी आपकी त्वचा पर मौजूद लिपिड की सुरक्षा परत को नष्ट कर देता है। अतः नहाने में ज़्यादा समय ना लगाएं तथा गुनगुने पानी से नहाएं।
२. आप घर पर ही चिकित्सानुसार नहा सकते हैं। १ बाल्टी गुनगुने पानी में १ कप दूध तथा जैतून या बादाम के तेल की कुछ बूँदें डालें। आप इसमें दलिया तथा अंगूर के बीज के अंश भी डाल सकते हैं। इस पानी से अपने शरीर को ३० मिनट तक भिगोकर रखें।
३. सौम्य ग्लिसरीन साबुन का इस्तेमाल करें।
४. नहाने के बाद सारे शरीर को सूखे तौलिये से पोंछ लें।
दूध के गुण
दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड त्वचा की काफी अच्छे से सफाई करता है तथा ये एक सौम्य मॉइस्चराइज़र भी है। नरम मुलायम तथा जवान त्वचा पाने के लिए लैक्टिक एसिड युक्त बॉडी लोशन इस्तेमाल करने का प्रयास करें।
रूखे हाथों का उपचार्
१. गुनगुने पानी से हाथ धोएं।
२. सौम्य हैंड वाश का प्रयोग करें।
३. हाथ धोने के बाद अपने हाथों पर मॉइस्चराइज़र अवश्य लगाएं।
४. अपने हाथों को पतले सूती के दस्तानों से ढककर रखें। ऊन के दस्ताने ना पहनें।
फटी एड़ियों का उपचार
१. पैरों की मृत त्वचा को निकालने के लिए अपनी एड़ियों को स्क्रब द्वारा साफ़ करें।
२. पैरों को नमी प्रदान करने के लिए लैक्टिक एसिड युक्त गाढ़ा मॉइस्चराइज़र दिन में कम से कम २ बार लगाएं।
३. झामक के पत्थर द्वारा हफ्ते में कम से कम ३ बार अपनी एड़ियां घिसें।
४. पैरों की नमी बरकरार रखने के लिए मोज़े पहनें।
फटे होंठों के लिए
हमेशा लिप बाम साथ में रखें। पेट्रोलियम जेल की जगह लानौलिन युक्त बाम लगाएं। इससे आपके होंठ मुलायम और लम्बे समय तक नमीयुक्त रहेंगे।
रूखी त्वचा
त्वचा के लिए एक सौम्य क्रीम का प्रयोग करें। अल्कोहल युक्त टोनर,स्क्रब तथा पील मास्क्स से दूर रहें। आप नाशपाती,शहद,दूध तथा लैवेंडर का प्रयोग करके ठण्ड का घरेलू फेस मास्क भी बना सकती हैं। त्वचा को ठन्डे पानी से धोएं।
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