जानें आहार और व्‍यायाम के जरिये वजन बढ़ाने के उपाय

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कभी लापरवाही तो कभी अनजाने में शरीर का कोई हिस्‍सा जल जाता है। जलने पर तुरंत अस्‍पताल नहीं जाया जा सकता। अगर जले हुए हिस्‍से तुरंत उपचार नहीं किया जाए तो वह आगे चलकर काफी नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए जले हुए भाग का इलाज तुरंत घरेलू नुस्‍खे अपनाकर करना चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं कि जलने पर सबसे पहले क्‍या करें।
Burn Care in Hindi

जलने पर देखभाल 

  • जलने पर सबसे पहले उस पर ठंडा पानी डालिए। अच्‍छा तो यह रहेगा कि जले हुए अंग पर नल को खुला छोड़ दें।
  • जलने पर जीवाणुरहित पट्टी लगाइए, पट्टी को हल्‍का-हल्‍का लगाइए जिसके कारण जली हुई त्‍वचा पर जलन न हो।
  • हल्‍दी का पानी जले हुए हिस्‍से पर लगाना चाहिए। इससे दर्द कम होता है और आराम मिलता है।
  • कच्‍चा आलू बारीक पीसकर लगाने से भी फायदा होता है।
  • तुलसी के पत्‍तों का रस जले हुए हिस्‍से पर लगाएं, इससे जले वाले भाग पर दाग होने की संभावना कम होती है।
  • शहद में त्रिफला चूर्ण मिलाकर लगाने से चकत्‍तों को आराम मिलता है।
  • तिल को पीस‍कर लगाइए, इससे जलन और दर्द नहीं होगा। तिल लगाने से जलने वाले हिस्‍से पर पडे दाग-धब्‍बे भी समाप्‍त होते हैं।
  • गाजर को पीसकर जले हुए हिस्‍से पर लगाने से आराम मिलता है।
  • जलने पर नारियल का तेल लगाएं। इससे जलन कम होगी और आराम मिलेगा।

जलने पर क्‍या ना करें 

  • जलने पर जले हुए हिस्‍से पर बर्फ की सेंकाई मत कीजिए। जले हुए हिस्‍से पर बर्फ लगाने से फफोले पडने की ज्‍यादा संभावना होती है।
  • जले हुए जगह पर रूई मत लगाइए, क्‍योंकि रूई जले हुए हिस्‍से पर चिपक सकती है जिसके कारण जलन होती है।
  • जले हुए मरीज को एक साथ पानी मत दीजिए, बल्कि ओआरएस का घोल पिलाइए। क्‍योंकि जलने के बाद आदमी की आंत काम करना बंद कर देती है और पानी सांस नली में फंस सकता है जो कि जानलेवा हो सकता है।
  • जले हुए हिस्‍से पर मरहम या मलाई बिलकुल ही मत लगाइए। इससे इंफेक्‍शन हो सकता है।
  • कोशिश यह कीजिए कि जलने वाले हिस्‍से पर फफोले न पडें। क्‍योंकि फफोले पडने से संक्रमण होने का खतरा ज्‍यादा होता है।
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जलने के कारण 

  • जलन केवल आग से नहीं होती है बल्कि, गरम तेल, गरम पानी, किसी रसायन, गरम बरतन पकडने आदि के कारण होती है।
  • खाना पकाते वक्‍त महिलाएं अक्‍सर जल जाती हैं। कभी गरम दूध या फिर गरम तेल जलने का प्रमुख कारण होता है।
  • बच्‍चे अक्‍सर अपनी शैतानियों के कारण आग या फिर गरम पदार्थों की चपेट में आकर चल जाते हैं।

जलने पर सबसे पहले यह देखना चाहिए कि कितना भाग जला हुआ है। उसी हिसाब से उसका उपचार करना चाहिए। अगर त्‍वचा कम जली है तो उसका प्राथमिक उपचार करना चाहिए अगर अधिक गहरा या ज्‍यादा जल गए हों तो तुरंत चिकित्‍सक से संपर्क करना चाहिए।

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