चना खाएंगे तो सेहत पाएंगे

19:16:00

जैसे सब्जिओं में आलू वैसे ही दलहन में चने का स्थान है. शायद ही कोई अन्य दलहन या अनाज होगा जिसका उपयोग चने (Gram या Horse-gram) की भांति नाना प्रकार से किया जाता हो.  
चने से बनने वाले पकवान, भारतीय पाक शास्त्र का अभिन्न अंग हैं, फिर चाहे वो नमकीन हों, मिठाइयाँ हों, या फिर रसोई के अनगिनत व्यंजन.  
चना शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है। आयुर्वेद में उल्लेख है कि चना और चने की दाल दोनों के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है। चना खाने से स्वास्थ्य लाभ तो होता ही है साथ ही अनेक रोगों का निवारण व चिकित्सा भी हो जाती है।
वैज्ञानिक शोध चने को उच्च कोटि का आहार मानते हैं.
दुनिया भर के आहार विशेषज्ञ  चना खाने की सलाह देते हैं व इसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, चिकनाई, रेशे, कैल्शियम, आयरन व विटामिन्स का भण्डार बताते हैं। 

चने के पोषण तथ्य  

चना
                  स्रोत: विकिपीडिया  
मात्रा प्रति
100 g
100 g
कैलोरी (kcal) 364
कुल वसा 6 g 
संतृप्त वसा 0.6 g 
बहुअसंतृप्त वसा 2.7 g 
मोनोअसंतृप्त वसा 1.4 g 
कोलेस्टेरॉल 0 mg 
सोडियम 24 mg 
पोटैशियम 875 mg 
कुल कार्बोहायड्रेट 61 g 
आहारीय रेशा 17 g 
शक्कर 11 g 
प्रोटीन 19 g 
विटामिन ए67 IUविटामिन सी4 mg
कैल्सियम105 mgआयरन6.2 mg
विटामिन डी0 IUविटामिन बी60.5 mg
विटामिन बी१२0 µgमैग्नेशियम115 mg
अंकुरित चना अधिक गुणकारी होता हैं

चने के 21 शगुन स्वरुप, आयुर्वेदीय शास्त्रोक्त गुण

  1. जुकाम से बंद नाक के लिये भुना चना खाएं. नाक तुरंत खुल जाएगी.
  2. मोटापा घटाने के लिए 30 दिन तक चने के छिलके खाएं, अप्रत्याशित लाभ मिलेगा
  3. मोटापा कम करने के लिये प्रतिदिन नाश्ते में चना लें।
  4. चने के नियमित सेवन से सुंदरता बढ़ती है साथ ही मस्तिष्क भी तेज हो जाता है।
  5. चना दाल के बेसन को हल्दी, दही व  सरसों तेल मिला कर उबटन बनायें. ये उबटन लगाने से त्वचा निखर जाती है व कील मुहांसे नहीं होते.
  6. अंकुरित चना 3 साल तक खाते रहने से कुष्ट रोग में लाभ होता है।
  7. गर्भवती को उल्टी हो तो भुने हुए चने व जौ के सत्तू पिलाएं।
  8. चना पाचन शक्ति को संतुलित और दिमागी शक्ति को भी बढ़ाता है। चने खाने से रक्त साफ होता है जिससे त्वचा निखरती है।
  9. चने के बेसन का हलवा नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। यह हलवा वात से होने वाले रोगों में व अस्थमा में फायदेमंद होता है।
  10. रात को चने की दाल भिगों दें सुबह पीसकर चीनी व पानी मिलाकर पीएं। इससे मानसिक तनाव व उन्माद की स्थिति में राहत मिलती है।
  11. 50 ग्राम चने उबालकर मसल लें जिससे यह शोरबा (Soup) बन जाये। इसे एक महीने तक सेवन करने से जलोदर रोग दूर होता है।
  12. चने के बेसन की नमक रहित रोटी 40 से 60 दिनों तक खाने से त्वचा संबंधित बीमारियां जैसे-दाद, खाज, खुजली आदि नहीं होती हैं।
  13. रात में सोते समय भुने हुए चने चबाकर फिर गर्म दूध पीने से सांस रोग व कफ दूर हो जाता हैं।
  14. काले चने रात में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करने से डायबिटीज में लाभ मिलता है। यदि जौ चने की समान मात्रा में रोटी दोनों समय खाई जाए तो मधुमेह में फायदा होगा।
  15. चने को पानी में भिगो दें उसके बाद चना निकालकर पानी को पी जाएं। इसे शहद मिलाकर पीने से किन्हीं भी कारणों से उत्पन्न नपुंसकता समाप्त हो जाती है।
  16. उच्च रक्त चाप (High BP) की समस्या ज्यादा परेशान कर रही हो तो चने के पौधे के पत्तों का धुम्रपान करने से शीत के कारण आने वाली हिचकी तथा आमाशय की बीमारियों में लाभ होता है।
  17. पीलिया में चने की दाल लगभग 100 ग्राम को दो गिलास जल में भिगोकर उसके बाद दाल पानी में से निकलाकर 100 ग्राम गुड़ मिलाकर 4-5 दिन तक खाएं राहत मिलेगी।
  18. अंकुरित देसी काले चने लेकर उनमें स्वादानुसार त्रिफला चूर्ण, तुलसी के पत्ते, कालीमिर्च, अदरक, सेंध नमक मिला लें। सुबह नाश्ते के रूप में इन्हे खाएं तो यह रसायन का काम करता है, बल एवं बुद्धि बढाता है।
  19. चीनी के बर्तन में रात को चने भिगोकर रख दे। सुबह उठकर खूब चबा-चबाकर खाएं इसके लगातार सेवन करने से वीर्य बढ़ता है व पुरुषों की कमजोरी से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। भीगे हुए चने खाकर दूध पीते रहने से वीर्य का पतलापन दूर हो जाता है।
  20. दस ग्राम चने की भीगी दाल और 10 ग्राम शक्कर दोनों मिलाकर 40 दिनों तक खाने से धातु पुष्ट हो जाती है।
  21. गर्म चने रूमाल या किसी साफ कपड़े में बांधकर सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है। बार-बार पेशाब जाने की बीमारी में भुने हूए चनों का सेवन करना चाहिए। गुड़ व चना खाने से भी मूत्र से संबंधित समस्या में राहत मिलती है। रोजाना भुने चनों के सेवन से बवासीर ठीक हो जाता है।

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